हाथ धुलाई दिवस: एक कदम स्वच्छता की ओर

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Global handwashing day

हाथ धोना हमारे लिए कितना जरुरी है, इस साल की शुरुआत में यह तो सबको समझ में आ ही गया है। क्योंकि हाथ धुलने से बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है। साल की शुरुआत में जब कोविड—19 जैसी बीमारियों ने दस्तक दी, तब सबको एक ही हिदायत दी गई कि किसी भी चीज को छूने के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। साबुन से 30 सेकंड तक हाथ धोएं। इससे हम हैजा, डायरिया, निमोनिया और कोविड-19 जैसी वैश्विक बीमारी को भी परास्त कर सकते हैं।

इस साल विश्व में हाथ धुलाई दिवस पर बहुत जोर दिया जा रहा है। ताकि लोग हाथों की सफाई को लेकर सतर्क रहें। क्योंकि सिर्फ हाथ धुलने से हम कई बिमारियों से बच सकते है। यही कारण है कि इस साल हाथ धुलाई दिवस की ग्लोबल थीम 'क्लीन हैंड्स फॉर ऑल' है। इसका अर्थ है सबका का हाथ साफ हो... क्योंकि स्वच्छता ही जीवन का आधार है। 

अगर हम पुरानी परम्परा की बात करें तो किसी भी नवजात शिशु को 6 दिन तक किसी अन्य व्यक्ति के हाथ में नहीं दिया जाता। ताकि गंदे हाथों की वजह से उसे संक्रमण न हो जाए। साथ ही लोगों को हिदायत दी जाती है कि बच्चे को गोद में लेने से पहले हाथ जरुर साबुन से साफ करें। क्या आप जानते हैं कि बच्चों में 50% तक कुपोषण का कारण... सिर्फ साफ पानी न पीने और हाथों को अच्छी तरह साफ न करने से होता है। इस वजह से बच्चों में डायरिया का खतरा 40 प्रतिशत का बढ़ जाता है। आपको बता दें कि बच्चों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है। वे अगर बार—बार साफ पानी से हाथ न धोएं तो बैक्टीरिया और जर्म उन पर हावी हो जाते हैं।

फतेहपुर में स्कूलों विजिट के दौरान यह पाया गया कि स्कूलों में पानी को लेकर, वॉशरुम को लेकर पैमाने सेट किए गए है। ऐसे ही पैमाने हाथों की सफाई को लेकर भी सेट है। लेकिन स्कूलों में इसका पालन नहीं किया जाता। आज भी ज्यादातर स्कूलों में हाथ धुलाई यूनिट नहीं होती, जो बच्चों को हाथ धुलाई के लिए अवेयर कर सके और बच्चों को भोजन के पहले और शौचालय के बाद साबुन और साफ पानी से हाथ धोए। शोध के दौरान पाया गया कि स्कूल में ज्यादातर बच्चे सिर्फ एक बार ही हाथ धोते हैं। वे अपने गंदे हाथों को बार—बार नाक, हाथ, मुंह और आंखों तक लेकर जाते हैं। जिससे बैक्टीरिया उनके शरीर में प्रवेश करते हैं। यही बिमारियों का सबसे बड़ा कारण है।

हाथ धुलाई सिर्फ एक अच्छी हाइजीन आदत ही नहीं बल्कि भारत जैसे देश में अलग-अलग धर्मों में इसका महत्व है, क्योंकि हाथ धुलाई को आध्यात्मिक शुद्धता से भी जोड़ा गया है। जैसे मंदिरों में और मस्जिदों में प्रवेश करने से पहले हाथों की शुद्धता पर जोर दिया जाता है। पुराने समय में घरों के बाहर लोग पानी की व्यवस्थता करके रखते थे। ताकि जो भी मेहमान घर आएं, वह पहले हाथों को धोंए फिर घर के अंदर प्रवेश करें। ताकि मेहमान सिर्फ खुशियां लेकर आएं, बीमारियां नहीं। इस हाथ धुलाई दिवस हम भी एक अच्छी आदत आपनाएं। आस पास के लोगों को हाथ धुलाई के लिए अवेयर करें और एक कदम स्वच्छता की ओर बढ़ा सकें।